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india vs china hockey final: भारत ने चीन को रौंदकर 5वीं बार बना एशियन चैंपियंस ट्रॉफी चैंपियन

india vs china hockey final

india vs china hockey final भारत ने चीन को रौंदकर 5वीं बार बना एशियन चैंपियंस ट्रॉफी चैंपियन

हुलुनबुइर (चीन): india vs china hockey final भारतीय हॉकी टीम ने इतिहास इतिहास रचते हुए चीन में घुसकर उसे को दो बार हराते हुए एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम कर लिया है। खिताबी मुकाबले में टीम इंडिया ने चीन को 1-0 से हराया। भारत के लिए विनिंग गोल 51वें मिनट में जुगराज सिंह ने दागा। इसके बाद चीनी टीम जवाबी गोल दागने की भरपूर कोशिश करती रही, लेकिन उसके कामयाबी नहीं मिली। बता दें कि टूर्नामेंट के लीग मैच में भी भारत ने चीन को हराया था। इससे पहले दिन में पाकिस्तान ने कोरिया को 5-2 से हराकर छह टीमों की प्रतियोगिता में तीसरा स्थान हासिल किया।

चीनी गोलकीपर ने बड़ी जीत से रोका

india vs china hockey final में भारतीय खिलाड़ी पहले ही क्वार्टर से हमलावर हो गए थे। शुरुआत से ही आक्रामक अंदाज में मेजबान टीम के खिलाफ हमला किया, लेकिन गोलकीपर ने गजब की चपलता दिखाई और भारत को सिर्फ एक ही गोल दागने दिया। पहले ही क्वार्टर में भारतीय टीम ने 3 मौके बनाए, लेकिन विपक्षी गोलकी ने तीनों को विफल कर दिया। इसके बाद भी टीम इंडिया के पास कई मौके थे, लेकिन उसके खिलाड़ी इकलौते मौके को छोड़कर चीन के डिफेंस को भेद नहीं सके।

india vs china hockey final में भारत के लिए जीत नहीं था आसान

india vs china hockey final  में भारत के लिए जीत नहीं था आसान  हरमनप्रीत सिंह की टीम के लिए यह मुकाबला कतई आसान नहीं था। पहले तीन क्वार्टर में चीनी डिफेंडरों ने भारत को गोल करने का कोई मौका नहीं दिया। पेरिस ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम के लिए 51वें मिनट में जुगराज ने गोल किया। चीन दूसरी बार ही किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट का फाइनल खेल रहा था। इससे पहले उसने एशियाई खेल 2006 फाइनल खेला था जिसमें उसने कोरिया ने 3-1 से हराया था। इससे पहले पाकिस्तान ने कोरिया को 5-2 से हराकर छह टीमों के टूर्नामेंट में तीसरा स्थान हासिल किया।

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खिताब के प्रबल दावेदार के रूप में उतरी भारतीय टीम ने पहले लीग मैच में चीन को 3-0 से हराया था लेकिन फाइनल मुकाबला india vs china hockey final काफी कठिन रहा। पहले दो क्वार्टर में भारत ने गोल करने के कई मौके बनाए लेकिन चीन भी जवाबी हमले में पीछे नहीं था। राजकुमार पाल ने पहला हमला बोला जिसे चीन के गोलकीपर वांग वेइहाओ ने बचा लिया। राजकुमार ने दसवें मिनट में भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर दिलाया लेकिन हरमनप्रीत सिंह गोल नहीं कर सके। दो मिनट बाद नीलाकांता शर्मा का शॉट वांग ने बचाया और अगले मिनट सुखजीत सिंह को गोल नहीं करने दिया।

पहले तीन क्वार्टर में भारतीय खिलाड़ियों ने गंवाए मौके

india vs china hockey final पहले क्वार्टर से कुछ सेकंड पहले भारत ने पेनल्टी कॉर्नर गंवाया लेकिन कृशन बहादुर पाठक गोल के सामने मुस्तैद थे। दूसरे क्वार्टर में भी कहानी यही रही जब गेंद पर नियंत्रण में भारत ने बाजी मारी लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। भारत को 27वें मिनट में सुखजीत ने पेनल्टी कॉर्नर दिलाया लेकिन हरमनप्रीत का शॉट गोलपोस्ट से टकरा गया। दूसरे हाफ में चीनी फारवर्ड पंक्ति ने लगातार हमले बोले और 38वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया लेकिन भारतीय डिफेंस चौकस था।

वहीं चीन को 40वें मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले जिन पर भारतीय गोलकीपर पाठक ने गोल नहीं होने दिया। भारत के गोल के सूत्रधार हरमनप्रीत रहे जो जबर्दस्त स्टिक वर्क दिखाते हुए चीनी सर्कल में घुसे और जुगराज को गेंद सौंपी जिसने गोल करने में कोई चूक नहीं की। हूटर से चार मिनट पहले चीन ने अपने गोलकीपर को हटाकर अतिरिक्त खिलाड़ी को उतारा लेकिन बराबरी का गोल नहीं कर सका।

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